कौन हूँ मैं
युवती/बूढी
या कुछ और
मुझे याद नहीं
मेरी अवस्था का मुझे
भान नहीं/पर
जन्मी तो कुछ वर्षों ही पूर्व
तो बच्ची हूँ /शायद
समय यदि निर्धारित करता है
तो बहुत पुरानी हूँ
आदिकाल से।
पर अभी जिस्म में मेरे
नहीं पड़ी झुर्रियां
नहीं गली हड्डियाँ
क्योंकि मैं
औरत हूँ।
ममता जी नमस्कार आपकी कबिता पड़ी जिसका शीर्षक है "कौन हूँ मैं" वह कबिता बहुत लगी | ममता जी आपसे अनुरोध है कि आप हमेसा इसी तरह कबिता लिखती रहे और हमें अपनी कबिता के माध्यमसे प्रेरणा देती रहे |
ReplyDeleteधन्यवाद
.............................मनोहर लाल बेरी
मनोहर जी, बहुत धन्यवाद !
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