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Sunday, March 28, 2010

कौन हूँ मैं?

कौन हूँ मैं
युवती/बूढी
या कुछ और
मुझे याद नहीं
मेरी अवस्था का मुझे
भान नहीं/पर
जन्मी तो कुछ वर्षों ही पूर्व
तो बच्ची हूँ /शायद
समय यदि निर्धारित करता है
तो बहुत पुरानी हूँ
आदिकाल से।
पर अभी जिस्म में मेरे
नहीं पड़ी झुर्रियां
नहीं गली हड्डियाँ
क्योंकि मैं
औरत हूँ।

Friday, March 19, 2010

महसूस कर रही हूँ

महसूस कर रही हूँ
हवा में तैरते हुए
जहाज में खुद को
लगता है
यह हवा में
तैरने वाला जहाज
सधे हुवे नाविक की तरह
गोता लगाएगा
गहरे समुद्र में
और बदल जायेगा
पनडुब्बी में
सारे रहस्य को अन्दर समेटे

Thursday, March 18, 2010

नव संवत्सर

क्षमा प्रार्थी हूँ बिलम्ब के लिए...
कभी कभी नितांत निजी अनकहा रह जाता है
कुछ ऐसे ही कारण से
.
.....................

होली
की अग्नि में दहन,
मायूसी, अहम् विकार के बाद
पेड़ों पर नयी पत्तियों, कोपलों का आना
बसंत की बयार की मादकता
आम का बौराना
नित नए सपने, नयी उमंगों का झिलमिलाना
शुरुआत है नए संवत्सर की।

पुराने , बोझिल, नीरस- असत्य को त्याग
संपूर्ण नवीनता के साथ
जियो उल्लास से
बौराए आम के पेड़ों की तरह
उठो बसंत की मादक बयार संग
सृजित होंगे नवीन सपने, उन सपनो के सच।